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क्या तमिल अभिनेता सत्यन शिवकुमार की किस्मत ने किया उन्हें फर्श पर? जानें उनकी कहानी

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फिल्म इंडस्ट्री का अंधेरा पक्ष

फिल्म उद्योग, जो बाहर से बेहद आकर्षक नजर आता है, के पीछे एक गहरा अंधेरा छिपा है। यह उद्योग कई लोगों को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सक्षम है, लेकिन कभी-कभी यह कुछ कलाकारों को नीचे भी गिरा देता है। ऐसा ही एक मामला तमिल अभिनेता सत्यन शिवकुमार के साथ हुआ। इस अभिनेता ने एक समय में शानदार जीवन जीया, लेकिन बाद में उन्हें अपने भव्य बंगले को बेचने की नौबत आ गई।


सत्यन की फिल्मी यात्रा

हम जिस अभिनेता की चर्चा कर रहे हैं, वह हैं प्रसिद्ध तमिल अभिनेता सत्यन शिवकुमार। उन्होंने विजय की फिल्म 'नंबन' से पहचान बनाई और अपने करियर में कई सफल फ़िल्में की हैं, जैसे 'गजनी', 'अलवर', और 'थुपक्की'। सत्यन ने अपने करियर की शुरुआत एक मुख्य अभिनेता के रूप में की, लेकिन जब यह सफल नहीं हुआ, तो उन्होंने सहायक भूमिकाओं में भी काम किया।


अमीर परिवार से ताल्लुक

सत्यन ने सहायक भूमिकाओं में अपनी प्रतिभा साबित की और आज उन्हें उनके हास्य के लिए जाना जाता है। बड़े पर्दे पर उनकी अदाकारी के दीवाने तो हैं ही, लेकिन क्या आप जानते हैं कि असल जिंदगी में वह किसी राजकुमार से कम नहीं थे? उन्हें 'कुट्टी राजा' के नाम से भी जाना जाता था। उनके पिता, मधमपट्टी शिवकुमार, एक प्रतिष्ठित जमींदार थे, जिनके पास 500 एकड़ से अधिक भूमि थी। उनका भव्य बंगला भी 5 एकड़ में फैला हुआ था और उनके परिवार को उस क्षेत्र में राजघराने का दर्जा प्राप्त था।


संपत्ति का नुकसान

हालात पहले ठीक थे, लेकिन जब सत्यन के पिता का सिनेमा की ओर झुकाव बढ़ा, तो उनकी शाही जिंदगी प्रभावित हुई। उन्होंने अपने रिश्तेदारों और मशहूर अभिनेताओं, जैसे सत्यराज और मार्कंडेयन शिवकुमार, की आर्थिक मदद की और खुद फिल्में बनाने का निर्णय लिया। उनकी पहली फिल्म 'इलैयावन' में उन्होंने सत्यन को हीरो के रूप में पेश किया, लेकिन यह फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हुई, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ।


इसके बाद सत्यन के पिता का निधन हुआ और स्थिति और बिगड़ गई। अंततः, सत्यन को माधमपट्टी में अपने भव्य बंगले को बेचना पड़ा। कहा जाता है कि अब उनके पास कोई संपत्ति नहीं बची है।


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